कई लोग आते हैं और मुझसे यह प्रश्न करते हैं ” सर, मैं दोस्तों के साथ बात कर लेता हूँ, घर परिवार में बात कर लेता हूँ पर अजनबी  व्यक्तियों या फिर मंच में नही बोल पाता. इसका कारण क्या है?”

उन्हें मैं जवाब देता हूँ ” हकलाना और गाडी चलाना लगभग एक जैसा काम है. मान  लीजिए आप हाईवे में गाडी चला रहे हैं. वहां पर वन वे रास्ता रहता है, आप सौ की रफ़्तार में चला सकते हैं. पर अगर आपसे कहा जाए कि भरी बाज़ार में गाडी चलाये तो क्या आप सौ की रफ़्तार में चला पायेंगे? तब आपकी अधिकतम रफ़्तार बीस से तीस होगी. ठीक इसी तरह बोलना भी होता है. आप दोस्तों और घर परिवार के सामने आत्मविश्वास से भरे होते हैं. उस वक्त आपकी रफ़्तार तेज़ हो सकती है. लेकिन जब आप नए लोगो या फिर मंच में होते हैं तो आत्मविश्वास कम होता है. उस वक्त आपकी स्पीड जोकि कम होनी चाहिए, वह पहले से अधिक हो जाती है. इस कारण आप बोल नही पाते है और एक्सीडेंट कर बैठते हैं. ठीक गाडी की तरह. ”

अब आप सोच रहे होंगे कि तो फिर यह कितना आसान है कि हम स्पीड धीरे कर ले तो बोल लेंगे. जी नही, अब तक हकलाने की वजह से आपका आत्मविश्वास बहुत नीचे गिर गया है. वह हमारे सेण्टर अभ्यास के द्वारा ही ठीक हो सकता है. हम आपको जीरो की रफ़्तार में बोलना सिखाते हैं, जिससे आपका हकलाना पहले हफ्ते से ही कहीं दूर भाग जाता है और फिर आपको अपनी स्पीड और सांस में कण्ट्रोल हो जाता है. एक महीने में आप हकलाना पूरी तरह ठीक कर सकते हैं.

आपके अंदर तीन ही कमियाँ है। पहला काम साँस लेना, दूसरा तेज़ बात करने की कोशिश करना और तीसरा हकलाने के बारे में सोचना। आपकी जीभ नही अटकती। आपकी स्पीड अटकती है। हम अपने सेण्टर में आपको ऐसी रफ़्तार में बात करना सिखाएंगे। जहाँ पर आप एक हफ्ते बाद हकलाना छोड़ देंगे। फिर शुरुआत होगी आपकी नई ज़िन्दगी की।

 

 

हकलान ठीक करने के लिए संपर्क करे:- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पीच थेरेपी, कानपुर

संपर्क:-+91-9559217193, +91-8707646232